चाणक्य कठोर परिश्रम को सफलता का मूल मंत्र मानते थे। उनका कहना था कि बिना मेहनत के कोई भी व्यक्ति सफलता प्राप्त नहीं कर सकता।
चाणक्य धैर्य और आत्मविश्वास को सफलता के लिए अत्यंत आवश्यक मानते थे। उनका कहना था कि धैर्यवान व्यक्ति ही कठिन परिस्थितियों में भी सफलता प्राप्त कर सकता है।
चाणक्य समय का सदुपयोग करने पर बल देते थे। उनका कहना था कि समय अनमोल है और इसका सदुपयोग ही सफलता का मार्ग प्रशस्त करता है।
चाणक्य अनुशासन को सफलता का आधार मानते थे। उनका कहना था कि अनुशासनहीन व्यक्ति कभी भी सफलता प्राप्त नहीं कर सकता।
चाणक्य नैतिकता को सफलता का स्तंभ मानते थे। उनका कहना था कि नैतिकता के मार्ग पर चलने वाला व्यक्ति ही सच्ची सफलता प्राप्त करता है।
चाणक्य सकारात्मक सोच को सफलता के लिए महत्वपूर्ण मानते थे। उनका कहना था कि सकारात्मक सोच रखने वाला व्यक्ति ही कठिन परिस्थितियों में भी सफलता प्राप्त कर सकता है।
चाणक्य आत्म-नियंत्रण को सफलता का सार मानते थे। उनका कहना था कि आत्म-नियंत्रण रखने वाला व्यक्ति ही अपनी भावनाओं और विचारों पर नियंत्रण रख सकता है, जो सफलता के लिए महत्वपूर्ण है।