आप जानते हैं कि रेल की पटरियों के जोड़ में जगह क्यों छोड़ी जाती है ?

रेल की पटरियां लोहे से बनी होती हैं, और लोहे का स्वभाव तापमान के अनुसार बदलने का होता है।

गर्मी में लोहा फैलता है और सर्दी में सिकुड़ता है। यदि पटरियों के जोड़ में जगह नहीं छोड़ी जाएगी, तो गर्मी में पटरियां फैलकर टेढ़ी हो सकती हैं

जिससे ट्रेन दुर्घटनाग्रस्त होने का खतरा बढ़ जाएगा।

भारी ट्रेनों के गुजरने से पटरियों पर बहुत ज़्यादा भार पड़ता है। यदि पटरियों के जोड़ में जगह नहीं छोड़ी जाएगी

तो भार के कारण पटरियां टूट सकती हैं, जिससे ट्रेन पटरी से उतर सकती है।

इन दो कारणों से रेल की पटरियों के जोड़ में जगह छोड़ी जाती है। यह जगह आमतौर पर 6.35 मिमी (1/4 इंच) से 12.7 मिमी (1/2 इंच) तक होती है।

यदि किसी पटरी की मरम्मत करनी है, तो उसके आसपास की पटरियों में जगह होने से मरम्मत करना आसान हो जाता है।

रेल की पटरियों के जोड़ में जगह छोड़ी जाना सुरक्षा के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। यह जगह पटरियों को तापमान परिवर्तन और भार से होने वाले नुकसान से बचाती है।

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